मंगलवार, 21 सितंबर 2010

शिष्य का धरम

शिष्य का निर्माण गुरु द्वारा ही हो सकता है
शिष्य की रक्षा करना भी गुरु का ही धरम है
शिष्यों के दोष भी गुरु द्वारा संहारे जा सकते हैं
अत शिष्य को भी गुरु के आदेश का पालन करते हुए
निस्वार्थ भाव से प्रभु की भक्ति करनी चाहिए

वास्तु आचार्य
० ९०१३ २० ३० ४०

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