मंगलवार, 14 सितंबर 2010

हरी सिमरन

ईश्वर के नाम का जप करो
जैसे पानी की बूँद को बाष्प बनाने से उसमें 1300 गुनी ताकत आ जाती है वैसे ही मंत्र को जितनी दिल जपा जाता है, उसका प्रभाव उतना ही ज्यादा होता है |
दिल से जप करने से मन की चंचलता कम होती है व एकाग्रता बढ़ती है |
एकाग्रता सभी सफलताओं की जननी है |
मंत्रजाप निष्काम भाव से प्रीतिपूर्वक
निष्काम भाव से प्रेमपूर्वक विधिसहित करना चाहिए
ईश्वर के नाम का बार-बार जप करो |
हर समय का नाम रटने की आदत डालें |
मन रहेगा तो संकल्प-विकल्प करके उपद्रव पैदा करेगा |
इसलिए पूरा दिन व रात्रि को बार-बार जाप करें |
मन या तो हरि-स्मरण करता है या फिर विषयों का चिंतन करेगा
इसलिए जप का ऐसा अभ्यास डाल लें कि मन परवश होकर नींद में या जाग्रत में बेकार पड़े कि तुरंत जप करने लगे |
इससे मन का इधर-उधर भागना कम होगा |
मन को परमात्मा के सिवाय फिर अन्य विषयों में चैन नहीं मिलेगा इ

वास्तु आचार्य
० ९०१३२०३०४०

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