रविवार, 5 सितंबर 2010

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वास्तु ओर पूजा

पूजा का स्थान घर में उत्तर दिशा में होकर
देव मूर्ति का स्थापन इशान दिशा
में होना अति शुभ है पूजा हमेशा बेट कर ही
शुभ अपना अपना अलग आसन ले कर बैठे
ओर बिना आसन भूल कर भी नहीं पूजा देहलीज
में भी बेट कर न करें
संध्या को पूजा पछिम दिशा को देख कर ही करें

वास्तु आचार्य
० ९०१३२८९५६६
० ९०१३२०३०४०

वास्तु

वास्तु

अभिलाषा पूर्ति के लिए

अभिलाषा पूर्ति के लिए पुष्य नक्शातर में नए वस्त्र धारण करें ।
वास्तु आचार्य
९०१३२८९५६६
० 9013203040
BHARTIYA PRACHIN GRANTHON KE AADHAR PAR
KRITIKA NAKSHATAR MAEN NAE VASTAR DHARAN KARNE SE AGNI BHAE REHTA HAE.

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