PT JOSHI JI
SWASTIK PUJA
VAASTU ACHARYA AVTAAR SINGH
RISHIKESH GHAT
शुक्रवार, 17 दिसंबर 2010
HAPP NEW EAR 2011
नया वर्ष देहलीज पर है, पूरा माहौल रंगीन और जश्न में डूबा है। उत्तेजना बढ़ती जाती है और इकतीस दिसंबर की आधी रात हम सोचते हैं कि पुराना साल रात की सियाही में डुबोकर कल सब कुछ नया हो जाएगा। यह एक रस्म है जो हर साल निभाई जाती है, जबकि हकीकत यह है कि दिन तो रोज ही नया होता है, लेकिन रोज नए दिन को न देख पाने के कारण हम वर्ष में एक बार नए दिन को देखने की कोशिश करते हैं। दिन तो कभी पुराना नहीं लौटता, रोज ही नया होता है, लेकिन हमने अपनी पूरी जिंदगी को पुराना कर डाला है। उसमें नए की तलाश मन में बनी रहती है। तो वर्ष में एकाध दिन नया दिन मानकर अपनी इस तलाश को पूरा कर लेते हैं।
HAPPY VERY VERY HAPPY NEW YEAR 2015............
OSHO NE KAHA
नया वर्ष ......2015.....देहलीज पर है,
पूरा माहौल रंगीन और जश्न में डूबा है।
पूरा माहौल रंगीन और जश्न में डूबा है।
उत्तेजना बढ़ती जाती है और ,
31 दिसंबर की आधी रात हम सोचते हैं कि
पुराना साल रात की सियाही में डुबोकर कल सब कुछ नया हो जाएगा।
31 दिसंबर की आधी रात हम सोचते हैं कि
पुराना साल रात की सियाही में डुबोकर कल सब कुछ नया हो जाएगा।
यह एक रस्म है ...
जो हर साल निभाई जाती है,.....
जबकि हकीकत यह है कि...
दिन तो रोज ही नया होता है,.....
लेकिन रोज नए दिन को न देख पाने के कारण हम वर्ष में एक बार नए दिन को देखने की कोशिश करते हैं। ..................
जो हर साल निभाई जाती है,.....
जबकि हकीकत यह है कि...
दिन तो रोज ही नया होता है,.....
लेकिन रोज नए दिन को न देख पाने के कारण हम वर्ष में एक बार नए दिन को देखने की कोशिश करते हैं। ..................
दिन तो कभी पुराना नहीं लौटता,....
रोज ही नया होता है,.....
लेकिन हमने अपनी पूरी जिंदगी को पुराना कर डाला है.
रोज ही नया होता है,.....
लेकिन हमने अपनी पूरी जिंदगी को पुराना कर डाला है.
उसमें ... एक.... .नए की तलाश मन में बनी रहती है।
तो वर्ष में एकाध दिन नया दिन मानकर अपनी इस तलाश को पूरा कर लेते हैं ..... हम
2014..........से........2015 का सफर .....
तो वर्ष में एकाध दिन नया दिन मानकर अपनी इस तलाश को पूरा कर लेते हैं ..... हम
2014..........से........2015 का सफर .....
VAASTU ACHARYA
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