चमत्कार
चमत्कार- इस जगत में चमत्कार जैसी चीज होती नहीं,............. हो नहीं सकती।
इस जगत में जो कुछ होता है, नियम से होता है।
हाँ, यह हो सकता है, उस नियम का हमें पता न हो।
यह हो सकता है कि उस कार्य का कारण का हमें बोध न हो।
यह हो सकता है कि कोई लिंक, कोई कड़ी अज्ञात हो, जो हमारी पकड़ में नहीं आती, इसीलिए बाद की कड़ियों को समझना बहुत मुश्किल हो जाता है।
चमत्कार- इस जगत में चमत्कार जैसी चीज होती नहीं,............. हो नहीं सकती।
इस जगत में जो कुछ होता है, नियम से होता है।
हाँ, यह हो सकता है, उस नियम का हमें पता न हो।
यह हो सकता है कि उस कार्य का कारण का हमें बोध न हो।
यह हो सकता है कि कोई लिंक, कोई कड़ी अज्ञात हो, जो हमारी पकड़ में नहीं आती, इसीलिए बाद की कड़ियों को समझना बहुत मुश्किल हो जाता है।
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