ईश्वर के नाम का जप करो
जैसे पानी की बूँद को बाष्प बनाने से उसमें 1300 गुनी ताकत आ जाती है वैसे ही मंत्र को जितनी गहराई से जपा जाता है, उसका प्रभाव उतना ही ज्यादा होता है |
गहराई से जप करने से मन की एकाग्रता बढ़ती है |
एकाग्रता सभी सफलताओं की जननी है |
मंत्रजाप निष्काम भाव से प्रीतिपूर्वक किया जाना चाहिए |
भाव से प्रेमपूर्वक विधिसहित जप करने वाला साधक बहुत शीघ्र अच्छा लाभ उठा सकता है |
ईश्वर के नाम का बार-बार जप करो |
मन को फुरसत के समय में प्रभु का नाम रटने की आदत डालें |
इसको सदैव कुछ-न-कुछ चाहिए |
चित्त खाली रहेगा तो संकल्प-विकल्प करके उपद्रव पैदा करेगा |
इसलिए पूरा दिन व रात्रि को बार-बार हरिस्मरण करें |
चित्त या तो हरि-स्मरण करेगा या फिर विषयों का चिंतन करेगा
इसलिए जप का ऐसा अभ्यास डाल लें कि मन परवश होकर नींद में या जाग्रत में बेकार पड़े कि तुरंत जप करने लगे |
इससे मन का इधर-उधर भागना कम होगा |
मन को परमात्मा के सिवाय फिर अन्य विषयों में चैन नहीं मिलेगा I
जैसे पानी की बूँद को बाष्प बनाने से उसमें 1300 गुनी ताकत आ जाती है वैसे ही मंत्र को जितनी गहराई से जपा जाता है, उसका प्रभाव उतना ही ज्यादा होता है |
गहराई से जप करने से मन की एकाग्रता बढ़ती है |
एकाग्रता सभी सफलताओं की जननी है |
मंत्रजाप निष्काम भाव से प्रीतिपूर्वक किया जाना चाहिए |
भाव से प्रेमपूर्वक विधिसहित जप करने वाला साधक बहुत शीघ्र अच्छा लाभ उठा सकता है |
ईश्वर के नाम का बार-बार जप करो |
मन को फुरसत के समय में प्रभु का नाम रटने की आदत डालें |
इसको सदैव कुछ-न-कुछ चाहिए |
चित्त खाली रहेगा तो संकल्प-विकल्प करके उपद्रव पैदा करेगा |
इसलिए पूरा दिन व रात्रि को बार-बार हरिस्मरण करें |
चित्त या तो हरि-स्मरण करेगा या फिर विषयों का चिंतन करेगा
इसलिए जप का ऐसा अभ्यास डाल लें कि मन परवश होकर नींद में या जाग्रत में बेकार पड़े कि तुरंत जप करने लगे |
इससे मन का इधर-उधर भागना कम होगा |
मन को परमात्मा के सिवाय फिर अन्य विषयों में चैन नहीं मिलेगा I